HomeBigDataKB.comBalwaan Sanatani Paath For Great Sanatani Life By Sanatani Sambhaji

Balwaan Sanatani Paath For Great Sanatani Life By Sanatani Sambhaji

Image Credit: Quora

सबेरे इस पाठ को करने से पहले स्नान करना, घर में गोमूत्र+नमक का पोछा और गाय के गोबर से बने कंडे पर हवन करना अति आवश्यक है (मात्रा आधी चमच हो नहीं तो आँखों को नुक्सान होगा ), लंच में हाथ, पैर, नाक, गाला, कान, गुप्तांग धो लें, अच्छे से कुल्ला कर लें, और अपने साथ ले गए आसान पे बैठके ही पाठ करें (धुप की आवस्यकता नहीं है), संध्या को, अपनी सफाई लंच वाले टाइम के जैसे ही करें, पोछा नहीं आवश्यक, बस धुप जलाके करें पाठ , सोने से पहले का नियम लंच के जैसा रहेगा. सबेरे पाठ करने से पहले अपने पास एक लोटा स्वच्छ पानी और कोई भी मीठा (शक्कर (सबेरे), टॉफ़ी (लंच में), बस्किट (संध्या और रात)) रखना है (इनकी व्यस्था शाम को कुत्तों/गाय को बस्किट देने के बाद घर आते समय कर ली जाए )

नोट:
1.) धुप का मतलब धुप बत्ती नहीं है, बल्कि हवन करने वाला एक पैकेट आता है उसको डालना है गाय के गोबर से बने हुवे जलते हुवे कंडे के ऊपर
2. यह पाठ किसी ब्रह्मज्ञानी गुरु (श्रीला प्रभुपाद/आसारामजी बापू/श्री श्री रविशंकर/सद्गुरु/श्रीराम शर्मा आचार्य/और भी ऐसे दिव्या महान विभूतियाँ) से दीक्षित या समर्पित शिष्य के लिए तभी सही है जब गुरु का आदेश हो अन्यथा इस पाठ को ऐसे शिष्य ना करें क्योंकि आपके गुरु का आदेश ही सबसे सही और आत्म उद्धारक होगा

बलवान सनातनी पाठ आरम्भ:
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Image Credit: rudraksha-gemstones.com

हे भगवान् राम के परम भक्त महावीर , संकटमोचन श्री हनुमान जी, मैं प्रभु श्री रामजी की कृपा और आपकी सेवा के योग्य बनने के लिए इस बलवान सनातनी पाठ के द्वारा आपका और प्रभु श्री राम का स्मरण करने जा रहा हूँ, अपना सेवक समझकर आराधना स्वीकार कीजियेगा और कोई त्रुटि हो जाये जाने अनजान में तो कृपया क्षमा कीजियेग।

1.) मैं, जो मेरे पास नहीं है या मेरे अंदर जो कमियां हैं , उसके लिए कभी दुखी नहीं होता, बल्कि जो मेरे पास अच्छा है (जो भी उस समय की जिम्मेदारी हो या जो भी आप कर पा रहे हो, चाहे वो अच्छा ना लगे , कमाई न हो ), उसके लिए प्रभु श्री राम और आपका सदा आभारी रहता हूँ, और अपनी अच्छाइयों को और मजबूत बनाते रहता हूँ, साथ ही अपनी समस्याओं के लिए परमेश्वर को दोष नहीं देता बल्कि अपने कर्मों का फल मानकर उनको उचित समय और साधन जैसे की ज्योतिष, आयुर्वेद, Naturopathy, होमियोपैथी, तंत्र विज्ञान, मॉडर्न साइंस, आस पास के लोगों से अपने अहंकार से नीचे आके सहायता माँगना, इंटरनेट रिसर्च, हर मंगल, शनि सपरिवार हनुमानजी दर्शन- नारियल, मीठा, कपूर, गाय घी दान , ७ बार परिक्रमा, बड़े तीर्थों की हर १ वर्ष में यात्रा इत्यादि के माध्यम द्वारा प्रभु श्री रामजी और महावीर हनुमानजी से प्रार्थना करते हुवे सही करने का प्रयत्न करता हूँ इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

2.) मैं, अपने शरीर को प्रभु श्री राम का निवास स्थान समझकर, और उनको ध्यान में रखकर ही कुछ भी खाता पीता हूँ,और हर दिन १६ घंटे कुनकुने पानी के साथ उपवास रखता हूँ (इन्हीं १६ घंटो के के अंत के २ घंटो के भीतर कसरत करता हूँ ) और ८ घंटे के भीतर निश्चित समय पर ही खाना खाता हूँ वो भी दिन ढलने से पहले , और मेरा ऐसा दृढ विस्वास है की ऐसा करना कई हजार यज्ञों के पुण्य के बराबर है ,इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

3.) मैं, “समय” को प्रभु श्री राम का दिया हुआ एक अनमोल धन समझता हूँ और इस अमूल्य धन को व्यर्थ में खर्च करने को महा पाप समझता हूँ ,इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

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जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

4.) मैं, उन सब बातों, घटनाओं को तुरंत Ignore कर देता हूँ जो मेरे सोचे अनुसार नहीं होतीं, क्योंकि यह मेरा दृढ विस्वास है की मेरे प्रभु श्री राम ने मेरे लिए इससे भी कुछ बहुत अच्छा सोचा है, और इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

5.) मैं अपने शरीर, चरित्र, घर, परिवार, आस पास, देश को प्रभु श्री राम का पवित्र तीर्थ समझता हूँ और इन सबको सर्वदा साफ़ सुथरा रखने को बहुत बड़े तीर्थों की यात्रा से भी बड़ा पुण्य देने वाला कार्य समझता हूँ,और इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

6.) मैं, हर ६ महीने में अपने लिए एक प्लान बनता हूँ जिसमे जीवन के सारी जिम्मेदारियां होती हैं , उनके अलग अलग लक्ष्य & टाइम मैनेजमेंट होते हैं और हर निर्धारित जिम्मेदारी के दिन के हिसाब से सोने से पहले उसका अगले दिन का ToDo बनाके ही सोता हूँ, और ये मेरा दृढ विस्वास है की ऐसा नहीं करने से कोई भी पूजा पाठ फलित नहीं होता, और इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

7.) मैं, जितना हो सके कम बोलता हूँ (व्यर्थ की गपशप, निंदा,चुगली, किसी के कार्यों पे कमेंट नहीं करता ) ताकि ध्यान अपने उस समय की निर्धारित जिम्मेदारी पे लगा रहे ,इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

8.) मैं, कभी भी किसी बात/समस्या/चैलेंज पर पर हड़बड़ी में निर्णय नहीं लेता बल्कि उस बात/समस्या/चैलेंज को उस समय के निर्धारित प्लान & टाइम मैनेजमेंट के हिसाब से ही समाधान करने का प्रयत्न करता हूँ , और हड़बड़ी/जल्दीबाजी की आदत & Unplanned कुछ भी कभी कर देने को एक महान पाप मानता हूँ,और इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

9.) मैं, अपने धन और अपने ज्ञान के १०% को उस समय के निर्धारित टाइम मैनेजमेंट प्लान के हिसाब से , समाज/देश/धर्म की सेवा में लगाता हूँ, और इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

10.) मैं, दुनिया को, मेरे जीवन में प्रभु श्री रामजी की कृपा और महावीर हनुमानजी की दया अपने “व्यहार” से दिखता हूँ, ना की अपने पास रखे हुवे धन से , और इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

11.) मैं, अपने धन संपत्ति को प्रभु श्री राम की मेरे लिए करुणा समझता हूँ और रामजी की इस करुणा को कभी भी व्यर्थ के सामानों और बिना सोचे समझे, बिना अपने निर्धारित प्लान और टाइम मैनेजमेंट को ध्यान में रखे खर्च नहीं करता (फिजूलखर्ची नहीं करता), और इसलिए मैं महावीर हनुमाजी का प्रिय हूँ

जय जय सीता शोक विनाशन
जय जय लक्ष्मण प्राण दाता
जय जय महावीर हनुमान
जय जय श्री राम भक्त हनुमान

जो भी इस बलवान सनातनी पाठ को दिन भर में २१ बार करता है (सुबह 3 बार, लंच में 1 बार , ऑफिस/स्कूल/कॉलेज से आने के बाद ७ बार और सोने से पहले १० बार) उसको निश्चित ही प्रभु श्री राम की कृपा और महावीर हनुमान जी की सेवा प्राप्त होती है, इसमें कोई संशय नहीं है , और सबसे बड़ी बात ऐसे भक्त को परमेश्वरीय कृपा पाने और अपने जीवन को एक महान ,सामर्थ्यवान जीवन बनाने के लिए किसी और पाठ/नियम/माला जाप को करने की कोई आवस्यकता नहीं है.

हे महावीर, संकटमोचन, श्री राम परमभक्त हनुमानजी, आपकी कृपा और सहायता से (उस दिन/एक दिने पहले जो भी आपके साथ अच्छा हुवा उसके लिए महावीरजी को धन्यवाद दो, उन सब अच्छी बातों को याद करके) ….

धन्यवाद देने के बाद छमा मांगो……

मेरे जाने अनजाने में हुवे किसी पाप (उस दिन के पापों को याद करना) के लिए मई आपनसे छमा मांगता हूँ और मैं भी उन लोगों को छमा करता हूँ जिन्होंने जाने अनजाने में मेरे साथ बुरा किया (उनको याद करके उनको छमा करना), आपसे प्रार्थन है की आप आज के हर कार्य में मेरे आगे आगे चलें और दुनिया, मेरे आज के हर कार्य या व्यहार में “आपका सेवक/भक्त” होने की महानता देखे और वो कहें या फील करें की ऐसे होते हैं महावीर हनुमान जी के सच्चे ,पराक्रमी, साहसी, सामर्थ्यवान, धैर्यवान भक्त

लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लँगूर।
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर॥

सिया वर रामचंद्र की जय, पवनसुत हनुमान की जय

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार । बल बुद्धिविद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ॥

सिया वर रामचंद्र की जय, पवनसुत हनुमान की जय

हे महावीर हनुमानजी मेरे, मेरे परिवार और इस सारे संसार के ऊपर अपनी कृपा दृष्टि सदा बनाये रखियेगा , अब अपनी कोई एक समस्या/इच्छा हनुमानजी को बताओ जो उस समय की सबसे महत्वपूर्ण समस्या/इच्छा हो , साथ में कहना की, प्रिय हनुमानजी यदि आपकी ये मेरे लिए उचित लगे तो मेरी सहायता कीजिये , और यदि आपको ये मेरे लिए उचित ना लगे तो मुझे सहर्ष स्वीकार है जैसा आप चाहें वैसा ही हो प्यारे महावीर, संकटमोचन, भक्त वत्सल , कृपानिधान हनुमानजी

बलवान सनातनी पाठ समाप्त:
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अब अगर आप ये पाठ सबेरे कर रहे हैं तो पाठ के तुरंत बाद जो लोटे का पानी रखा हुवा है उसमे धीरे से फूंक मारकर (ये सोचते हुवे किस इस पाठ का फल इस फूंक के माध्यम से इस पानी में जा रहा है जो इसको पीने वाले पे कृपा करेगा ) स्वयं पीएं और अपने परिवार को पिलायें और अपने और उनके ऊपर छिड़कें और पूरे घर , बालकनी में , मुख्य द्वार , रसोई , बीएड के नीचे , छत , सीलिंग , बाथरूम सब जहाज छिड़क दें और पास में रखे मीठे को अपने खाएं , परिवार/आस पास के सहकर्मियों/ सहपाठ्यों को दें और बचा हुवा चीटियों को दाल दें (सबेरे के पाठ के बाद), शाम के पाठ के बाद भी अपने खाएं और अपने परिवार को दें और बहार निकलकर कुत्तों या गाय को बस्किट दें , रात की प्रार्थना के बाद कुत्तों को बिस्कुट दें और इसके बाद प्रार्थन करते हुवे कहें की हे प्रभु श्री राम और महावीर हनुमानजी, जैसे इन चीटियों /कुत्तों/गाय का आपने ध्यान रखा मुझे माध्यम बनाके वैसे ही , मेरे , मेरे परिवार, मेरे गुरुदेव, मेरे पूर्वजों, मेरे आस पड़ोस , मेरे देश और पूरे संसार का भी ध्यान रखियेगा.

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